उज्जैन में महाकाल की 7 किलोमीटर लंबी भव्य सवारी आज

मध्य प्रदेश के उज्जैन में आज भगवान महाकाल की भव्य सवारी निकलेगी। यह सवारी 7 किलोमीटर लंबे मार्ग से गुजरेगी, जिसमें श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल होंगे। इस आयोजन के लिए शहर में विशेष सुरक्षा और व्यवस्था की गई है।

सवारी का प्रारंभ महाकाल मंदिर से होगा, जहां पारंपरिक पूजा-अर्चना के बाद भगवान महाकाल को चांदी के रथ में विराजमान किया जाएगा। इसके बाद सवारी मुख्य मार्गों से होकर गुजरेगी, जहां श्रद्धालु भक्ति और श्रद्धा के साथ भगवान के दर्शन करेंगे।

विशेष आयोजन और सुरक्षा व्यवस्था

महाकाल की सवारी के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। सवारी के मार्ग में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा, श्रद्धालुओं के लिए पेयजल और चिकित्सा सुविधाओं का भी प्रबंध किया गया है।

स्थानीय व्यापारियों और निवासियों ने मार्ग को सजाने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। जगह-जगह फूलों की मालाएं, दीपों की रोशनी और रंगोली से मार्ग को अलंकृत किया गया है।

श्रद्धालुओं में उत्साह

महाकाल की सवारी को देखने के लिए श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है। उज्जैन के साथ-साथ अन्य शहरों से भी लोग इस भव्य आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं।

सवारी के दौरान पारंपरिक संगीत, ढोल-नगाड़ों की गूंज और मंत्रोच्चार से पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाएगा। कई श्रद्धालु इस आयोजन को अपने जीवन का महत्वपूर्ण क्षण मानते हैं।

धार्मिक महत्व

महाकाल की सवारी उज्जैन के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक है। इसे शिवभक्तों के लिए अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करना है, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी देना है।

यह सवारी भगवान शिव की महिमा और उज्जैन की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है। महाकाल के भक्तों के लिए यह आयोजन किसी उत्सव से कम नहीं है।

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