श्रीलंका: में पिछले महीने बम धमाकों के कारन अभी भी दहशत का माहौल बना हुआ है, जिसके चलते श्रीलंका सरकार किसी प्रकार का खतरा मोल नहीं लेना चाहती। इस लिए सरकार ने फैसला लिया है की सुरक्षा मजबूत करने के लिए कड़े से कड़े कदम उठाए जाएंगे। सराकर ने शुक्रवार को आदेश जारी किया जिसमें कहा गया है की देश में मौजूद सभी मस्जिदों में जो उपदेश सुनाए जाते हैं, उनकी एक कॉपी सरकार को जमा कराना अनिवार्य होगा। बता दे की इस हमले को आईएस ने अंजाम दिया था।अब सरकार इस्लामी कट्टरपंथ को खत्म करने के लिए ऐसे सख्त कदम उठा रही है। सांस्कृति मंत्रालय का कहना है की मस्जिदों का इस्तेमाल कट्टरपंथी विचार धारा को फैलाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। सांस्कृति मंत्रालय की और से अपील की जाती है की मस्जिद को कट्टरपंथी गतिविधि या नफरत फैलाने का केंद्र न बनने दे। यह देश और देश के लोगो के लिए अच्छा होगा। श्रीलंका में एक बाद एक कड़े कदम उठाए जा रह है।

हाल ही में श्रीलंका में ईस्टर संडे वाले दिन, 8 जगह दर्नाक आतंकी हमला किया गया, जिसमे बहुत से बेकसूर नागरिक मारे गए, जिसमे कुछ भारतीय भी शामिल थे। इस बेम धमाके के बाद से श्रीलंका सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को आधार बनाते हुए राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने 29 अप्रैल को आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए चेहरा ढंकने को प्रतिबंधित कर दिया था। राष्ट्रपति का कहना है की यह देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है। किसी भी महिला या पुरुष के चेहरा ढंका होने से उसकी पहचान में मुश्किल सामने आती है।
श्रीलंका में बम धमाके बाद सरकार एक्शन में आगई थी और आतंकी ठिकानों की छापेमारी के करीब 10 हजार सैनिको को इस अभियान में लगाया था। जिसके बाद पुलिस और आर्मी ने देश को पूरी तरह सुरक्षित घोषित कर दिया गया था। सैना का कहना था की आतंकी या तो गिरफ्तार किए जा चुके हैं या फिर उनकी मौत हो चुकी है।