इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया की, मद्रास हाई कोर्ट ने मोदी सरकार से टिक-टॉक एप्लीकेशन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा गया है। इसके अतरिक्त कोर्ट ने मीडियो को भी कड़े शब्दो में कहा है की टिक टॉक वीडियो के प्रसारण न किया जाए , किसी भी प्रकार से एप्लीकेशन को बढ़ावा न दिया जाए। यह फैसला अब लिया गया लेकिन आपको बता दे की तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री एम मनिकंदन ने राज्य सरकार केंद्र से इस ऐप को बैन करने की मांग की थी।आपको बता दे की इससे पहले इंडोनेशिया और बांग्लादेश की सरकार ने टिक-टॉक एप्लीकेशन पर कड़े कदम उठाते हुए, एप्लीकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया है। दूसरी और अमेरिका ने बच्चों को ऑनलाइन सामग्री दूर रखने के लिए नए नियमों को लागु किया गया है।
मद्रास हाई कोर्ट ने कहा की भारत में भी इसी प्रकार के कड़े कदम उठाने चाइये, क्योकि यह बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। क्योकि कुछ समय से देखा जा रहा है की टिक-टॉक एप्लीकेशन पर पोर्न सामग्री और अश्लीलता से भरी वीडियो उपलोड की जा रही है, जिसे छोटी आयु के बच्चे भी देख रह है और इसका बच्चो पर बुरा प्रभाव पद रहा है। यह एप्लीकेशन चीन ने बनाया है, भारत में आज इसके तकरीबन 104 मिलियन यूजर मौजूद है।

मद्रास हाई कोर्ट ने कहा की अमेरिका में बच्चो को चिल्ड्रेन्स ऑनलाइन प्रिवेसी प्रोटेक्शन ऐक्ट के तहत, बच्चो को साइबर क्राइम का शिकार होने से बचाया जा रहा है। मद्रास हाई कोर्ट ने बोला की भारत को भी इसी प्रकार के कानून की आवश्यकता है। भारत में आए दिन साइबर क्राइम जैसे मामले देखे जा रह है, इन क्राइममे कुछ समय से बढ़ोतरी आई है। भारत के युवकों और देश की सुरक्षा के लिए यह खतरा साबित हो सकता है। भारत सबसे बड़ी आबादी युवकों की है, और इससे देश के युवकों पर प्रभाव पड़ेगा, इससे आर्थिक अपराधो में भी बढ़ोत्तरी देखी जाएगी। पिछले साल इसी प्रकार की समस्या सामने आई थी, सुसाइड गेम ब्लू व्हेल की वजह से बहुत बच्चो की जाने गई थी। इससे है सिख लेनी चाइये लेकिन ऐसा ही हुआ। सरकार को जल्द ही इसपर सख्त कदम उठाने होंगे।
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