भारत के सभी पब्लिक सेक्टर बैंकों ने खुद को जेट एयरवेज की समस्या का समाधान करने के लिए 180 दिनों की मोहलत दी गई थी। यह पूरी प्रक्रिया स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के निरीक्षण में किया जा रहा था। वित्त मंत्रालय कहना है की बैंक वह जेट एयरवेज एयरलाइंस के बकाय कर्ज को चुकाने का और समय नहीं दे सकते अधिक नहीं कर सकते। अब कंपनी का कहना है, की एयरलाइंस कंपनी निवेश करेगी अगर फिर भी कंपनी सफल नहीं हो पाती तो बैंक 30 जून तक जेट एयरवेज को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मीडिया रिपोर्ट और सूत्रों के मुताबिक जेट एयरवेज समस्या का समाधान निकालने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। अगर कंपनी ऐसा नही करती तो कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया जाएगा। आपको बता दे कि भारत के दो बड़े बैंको पंजाब नेशनल बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने जेट एयरवेज को अभी तक कुल 1,500 करोड़ रुपये की राषि कंपनी को दे चुका है, जिसे अब कंपनी नही चुका पा रही । इस समय कंपनी बहुत बड़े संकट में फस गई है।
उन्होंने कहा कि हमरा सारा ध्यान इस बात पर है, की जेट एयरवेज को एक महत्वपूर्ण निवेशक मिल सकेगा, जो कंपनी को खरीद सके या कंपनी की सहायता कर सके। लेकिन ऐसा नही होता है तो, तो कंपनी को सभी बैंक कोई समय नही देगे। इसके बाद इस पूरे मामले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के पास भेजा जाएगा, जेट का पहला भुगतान 31 दिसम्बर को करना था, लेकिन कंपनी इस नही कर पाई थी। जिसके बात कंपनी को 180 दिनो का ओर समय दिया गया है। अब कंपनी 30 जून तक का समय मिल गया है।

लॉ ट्रिब्यूनल के पास मामला जाने पर पुब्लिक बैंक सेक्टर के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि हम 180 दिनों तक इंतजार करेंगे। यह सब आरबीआई के नियमों के निर्देश अनुसार है। आपको बता दे कि जेट एयरवेज की समस्या दिन प्रति दिन बड़ती जा रही हैं। बैंको का कहना है कि इस मामले को लम्बे समय तक चलाने से बेहतर है कि कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया जाए। अगर ऐसा नही किया जाता तो जेट एयरवेज पर कर्जा बड़ता रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी भी कंपनी को दिवालिया घोषित करने से पहले, 180 दिनों का समय दिया जाता है।