मतदान पर बवाल उठा हुआ है, मुस्लिम मतदान की तिथि पर उठा रह है सवाल। पाक रमज़ान महीना मई में शुरु होने जा रहा है। लेकिन उसी समय तीन चरणों वोटिंग भी है। जिसको लेकर देश में बवाल मच गया है। आपको बताते है की कुछ मुस्लिम धर्म गुरुओं और राजनेताओं की ओर से सवाल खड़े किये जा रह है। क्या मुसलमान वोट ना डाल सके इसलिए रमज़ान में वोटिंग कराई जा रही है। इस मामले पर लोगो की अलग अलग प्रतिक्रिया सामने आ रही है। अब सवाल यह की चुनाव आयोग तरीकों में फेर बदल करेगा या जो घोषणा की गई है, वैसे ही सब होगा ? दूसरा सवाल यह है की ये बवाल बे मतलब किया जा रहा है।
दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र में सबके वोट की क़ीमत बराबर है, हर नागरिक का वजूद बराबर है, हर इंसान एक हिंदुस्तानी है। जब वोट की EVM पर ऊँगली चलती है, तो एक एक वोट लोकतंत्र को मज़बूत करता है। लेकिन इस बार चुनाव की तरीकों का एलान हुआ तो इस्लाम और उनका रमज़ान सामने आ गया। मुस्लिम कहना है की जानबूझकर के रमज़ान में वोटिंग कराई जा रही है। मुस्लिम समुदाय का कहना है की इलेक्शन कमिस्शन को इस पर विचार विमर्श करके इसका समाधान निकालना चाहिये। इस बार रमज़ान 6 मई से शुरू होने जा रह है। उसी दिन पांचवें चरण के वोट डाले जायेंगे। मुस्लिम कहना है की रमज़ान के महीने में बिलकुल समय नहीं होता। यह भी कहना है की इस सबसे वोटिंग पर भी प्रभाव पड़ेगा।

जैसे मुस्लिम ने अपने त्योहारों को बताया वैसे ही बीजेपी भी हिन्दू त्योहारों की लिस्ट ले कर खड़ी हो गई। 6 मई से रमज़ान है, तो 7 से अक्षय तृतीय और 18 मई से बुद्ध पूर्णिमा है। चुनाव 11 अप्रैल से शुरू है जब नवरात्रे चल रह होंगे। ऐसे तो कभी चुनाव नहीं हो सकता। ऐसा बीजेपी के एक कार्यकर्ता ने कहा। बहुत से नेता ऐसी फ़िजूल की बात कह रह है। चुनाव आयोग ने ये कहा है की मुसलमान धार्मिक ज़ज़्बात को देखते हुए, शुक्रवार को मतदान नहीं रखा गया।